आलस हमारी ज़िन्दगी को किस हद तक खराब करता है ?

आलस
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आलस या युं कहे कि काम को बार बार टालने की आदत। जिन्दगी हम सभी को बेहतर बनने और जिन्दगी में अपनी पहचान बनाकर कुछ कर दिखाने का मौका जरूर देती है लेकिन हमारे आलस के कारण हम वो मौका खराब कर देते है और जिन्दगी भर पछताते रहते है।

आज की इस पोस्ट में हम बात करने वाले है कि किस तरह से किसी व्यक्ति का आलस उसे बर्बाद करता है और क्यों आलस के कारण व्यक्ति जिन्दगी में कामयाब होने से वंचित रह जाता है।

हममें से हर एक के अपने एक सपने है और हर एक इंसान वो सपनों वाली जिन्दगी जीना चाहता है। हर इंसान ये बात जानता भी है कि उस सपने को पूरा करने के लिये जो जरूरी काम है अगर वो उनको करें और उन कामों को करने में वो आलस ना करें तो आसानी से सफलता की सिढ़िया चढ़ सकता है।

ऐसे कई सारे लोग जो जिन्दगी में आलस के कारण बर्बाद हुए है और वो लोग ऐसी जिन्दगी जी रहे है जो वो कभी जीना नहीं चाहते थे सिर्फ और सिर्फ उनके आलस के कारण।

इंसान चाहे किसी भी उम्र का हो, अगर वो आलस करे तो उसका आलस उसे बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ता है। इसलिये आज हम बात करने वाले है कि आलस हमारी जिन्दगी को किस हद तक खराब करता है।

इसके लिये हम तीन कहानियों से समझने वाले है –

स्कुल में आलस

ज्यादातर लोग जो स्कुल में पढ़ते थे जब वो किशोरावस्था में थे तो वो सोचते थे कि जब हम बड़े होंगे तो आसानी से कोई सरकारी बड़े ओहदे की नौकरी करेंगे और आराम से जिन्दगी गुजारेंगे, लोग हमारे काम की तारिफ करेंगे और लोग हम पर गर्व करेंगे कि हमारे गांव के लड़के या हमारे शहर के लड़के ने आज इतना बड़ा मकाम हासिल कर लिया है।

लेकिन जैसे ही ये किशोर बड़े होते है तो इनको पता चलता है कि सरकारी पद के लिये तो कम्पीटिशन करना पड़ता है और बहुत सारी पढ़ाई और बहुत सारे लोगों से ज्यादा नम्बर लाने होते है तब जाकर किसी सरकारी पद के लिये चयन होता है।

अब जो लोग आलसी थे या जिन लोगों को उनके आलस ने घेर रखा था वो लोग तैयारी नहीं कर पाये या फिर किसी छोटी मोटी प्राइवेट नौकरी में लग गये।

शुरूआत में सैलरी मिलने के कारण उन्हें वो प्राइवेट जाॅब तो अच्छी लगी लेकिन कुछ महिनों या 1 या 2 साल में उन्हें ये समझ आ गया कि, ‘‘यार, मैं यहां जितनी मेहनत कर रहा हुं उतनी मेरी कमाई नहीं हो रही है।’’

ऐसे इंसान फिर सोचते है कि, ‘‘काश अगर मैंने उस वक्त आलस ना दिखाया होता तो शायद आज मैं भी किसी सरकारी बड़े पद पर होता, मेरी तनख्वाह अच्छी होती या मैं आज सुकुन से जिन्दगी जी रहा होता।’’

ये आलस का सिर्फ एक उदाहरण है आगे और देखिये।

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ऑफिस में आलस

कई सारे लोग जिनकी आज नौकरी लग गयी है और अच्छे पद पर है। चाहे वो प्राइवेट या सरकारी नौकरी लेकिन वो अपनी नौकरी से खुश है।

अब हर तरह की नौेकरी में सही तरिके से भी इंसान अच्छा पैसा कमा सकता है और कई सारे लोग कमा भी रहे है लेकिन ज्यादाता आलसी लोग उसके लिये मेहनत नहीं करते, वो लोग सिर्फ अपनी नौकरी से मिल रही तनख्वाह पर ही निर्भर रहते है और सोचते है कि यही ऑफिस मेरी तनख्वाह बढ़ाता चला जाये।

आप चाहे किसी भी ऑफिस में देख लो, किसी भी दो इंसानों के बीच में देख लो जो भले ही एक ही ऑफिस में काम करते हो और दोनों एक ही जैसे पद पर हो लेकिन फिर भी उनकी कमाई में बहुत फर्क होता है।

जलन

ऐसे लोग जो आलस के कारण अपने ऑफिस में तरक्की नहीं कर पाते वो लोग उन लोगों से जलने लग जाते है जो ज्यादा कमा रहा है या जो ज्यादा तरक्की कर रहा है।

कुछ सालों में अगर आप देखोगे तो वहीं इंसान जो तरक्की कर रहा है या अपनी तनख्वाह के अलावा भी और जगह से कमाने की सोचता है वो बड़ा आदमी बन जाता है या उसका घर आलीशान हो जाता है, वो इंसान महंगी गाड़ी चला रहा होता है या फिर एक अच्छी जिन्दगी जी रहा होता है।

लेकिन वो इंसान जो सिर्फ अपनी तनख्वाह पर ही निर्भर था। जो अपने आलस और आरामदायका क्षेत्र को छोड़ नहीं पाया था, वो आज भी वहीं पर रह जाता है जहां पर वो कुछ सालों पहले था। वो इंसान जिन्दगी में कुछ भी हासिल नहीं कर पाता है। ऐसे इंसानो के पास फिर बाद में पछताने के सिवा कुछ नहीं बचता या ये लोग कहते है कि, ‘उसकी तो किस्मत में था इसलिये उसे मिल गया।’’

नहीं भाई !! उसे ये चीज़े किस्मत से नहीं बल्कि उसकी मेहनत से मिली है। उसकी ही तरह अगर आप भी मेहनत करोगे तो आपको भी उतनी ही कामयाबी या उससे भी ज्यादा कामयाबी मिल सकती है।

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बाॅडी बनाने में आलसीपन

हम सभी ये बात जानते है कि शरीर को मजबुत बनाने या फिर शरीर को एक शेप देने मेें बहुत सारी मेहनत, बहुत सारा समय और बहुत सारा अनुशासन और धैर्य की जरूरत होती है लेकिन जो लोग आलसी होते है वो लोग कभी भी अनुशासन में नहीं रह सकते। वे लोग लगातार किसी एक काम को सालों तक नहीं कर सकते और फिर बाद में समय निकलने के बाद पछताते है कि, ‘‘काश हमने उस समय मेहनत कर ली होती।’’

फ़र्क

दो दोस्त जिनकी बाॅडी एक जैसी थी जो कि बहुत ज्यादा दुबले पतले थे और दोनेां ने साथ में ही जीम जाना शुरू किया यानि की कसरत करना शुरू की।

एक दोस्त जो अपने आलस के कारण कुछ दिन ही जीम गया और फिर हार मान ली। उसने सोचा कि, ‘‘यार इतने दिन कसरत कर ली फिर भी कुछ फर्क नहीं दिखा तो आगे भी क्या ही होने वाला है।’’

लेकिन दुसरे दोस्त ने आलस नहीं किया। सालों तक कसरत करता रहा और निरंतर जीम जाता रहा। कुछ सालों के अनुशासन और मेहनत के कारण आज उसकी बाॅडी पूरी तरह बदल चुकी है। वो पहले से कई गुना ज्यादा मजबुत और कई गुना ज्यादा आकर्षक बन चुका है केवल और केवल आलस ना करने के कारण।

ऐसी एक नहीं हजारों कहानियां है जो ये बताती है कि अगर हम आलस करें तो हमारी जिन्दगी पर कितना बुरा प्रभाव इसका पड़ता है। अगर आप भी अपनी जिन्दगी में झांक कर देखोगे तो आपको पता चल जायेगा कि आपको अभी तक सफलता क्यों नहीं मिली है और क्या करने से आपको आसानी से सफलता मिल जायेगी।

इसलिये सीखो कि आलस से कैसे बचा जाता है और अपनी जिन्दगी को आलस में ना बिताकर मेहनत और पूरी लगन के साथ अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिये काम करो।

मैं उम्मीद करता हुं कि आपको ये पोस्ट पसंद आई होगी और अगर पसंद आये तो अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट को शेयर जरूर करना।


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