ब्रह्मचर्य का पहला दिन | मुश्किल से भरा रास्ता …

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ब्रह्मचर्य | जब भी आप अपनी वासना से ऊपर उठकर अपने मन को जितने के लिए अपनी कामवासना को त्यागेंगे तो हो सकता है कि ये रास्ता आपके लिए बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो लेकिन नामुमकिन नहीं है.

आज 1 मई 2025 से 31 दिसंबर 2025 तक मैं ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत करने वाला हूँ और मुझे पता है कि ये राह मुश्किल है लेकिन नामुमकिन नहीं है, मैंने इससे पहले भी कई बार ब्रह्मचर्य के चैलेंज को पूरा किया है और अपने कोर्स के ज़रिये अब तक लगभग 3 हजार से ज्यादा लोगों को इस लत से बाहर निकाल चूका हूँ. आप इस लिंक से कोर्स में एनरोल कर सकते है – https://courses.nowastezindagi.in/life-changing-course/

इसका पालन क्यों करें ?

ब्रह्मचर्य

ब्रह्मचर्य का पहला दिन

अगर आपका जीवन हस्तमैथुन और पोर्न की लत के कारण बर्बाद हो रहा है, अगर आप सम्भोग की लत के कारण परेशान हो, ये लत छुट नहीं रही है, कमजोरी आ गई है और मन में शादी के नाम से भी डर लगने लगा है तो फिर आपको 3 से 4 महीने के लिए ब्रहचर्य का पालन करना ही चाहिए.

आज देखा जाए तो हर नवयुवा अपनी जवानी में हस्तमैथुन और पोर्न का आदि बन रहा है, 13 14 साल के लड़के पोर्न और हस्तमैथुन में बर्बाद हो रहे है और उन्हें रोकने वाला भी कोई नहीं है, किशोरावस्था की नादानी के कारण कुछ ही सालों में उनकी जवानी वीर्यनाश में बर्बाद हो जाती है और फिर 18 की उम्र तक पहुचते पहुचते अपनी जवानी की उर्जा को पूरी तरह खर्च कर चुके होते है और ये ऐसी परेशानी है जिसे वो किसी को बता भी नहीं सकते लेकिन मेरे भाई ब्रह्मचर्य आपकी ज़िन्दगी को सुधार सकता है, आपके जीवन को बदल सकता है, बस आपको दृढ़ संकल्प के साथ ब्रह्मचर्य के नियमों का पालन करते हुए ब्रह्मचर्य का पालन करना पड़ेगा.

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ब्रह्मचर्य के 8 नियम

ब्रह्म्काह्री नियमों से चलता है और अगर आप इन नियमों को अनदेखा करोगे तो आप कभी भी ब्रह्मचारी नहीं बन सकते, इन नियमों के ज़रिये आपके लिए अपनी कामवासना को जितना, अपने मन को जितना आसान हो जाता है ताकि आप जवानी को अपनी शादी तक बचा कर रख सके और फिर शादी के बाद एक बेहतर वैवाहिक ज़िन्दगी जी सके.

स्मरण, कीर्तन, केलि, अवलोकन, गुप्त-भाषण, संकल्प, अध्यवसाय और क्रिया-निष्पत्ति, इन आठ प्रकार के मैठुनों का वर्णन शास्त्रकारों ने किया है. अब इन आठ का विवरण देख लीजिये –

  1. स्मरण – किसी जगह पढ़े हुए, देखे हुए, सुने हुए या चित्र में देखे हुए स्त्री रूप का ध्यान, चिंतन या स्मरण करना.
  2. कीर्तन – स्त्रियों के रूप, गुण और अंगों की चर्चा करना अथवा इस विषय के गीत गाना तथा गन्दी बातें करना आदि.
  3. केलि – स्त्रियों के साथ खेलना अथवा उनके साथ अधिक बैठना उठना और मनोविनोद करना.
  4. प्रेक्षण – किसी स्त्री को नीच-दृष्टि से या छिपकर बार बार देखना या नीचतापूर्ण संकेत करना.
  5. गुप्त भाषण – स्त्रियों के पास बैठकर गुप्त बातें करना, शृंगार रस पूर्ण उपन्यास, कहानियाँ, नाटक आदि पढना या उनकी चर्चा करना, काम-चेष्टाएँ भरी हुयी बातें कहने- सुनने में निमग्न रहना.
  6. संकल्प – किसी अप्राप्य स्त्री की प्राप्ति के लिए दृढ़ होना या मन में उसे पाने के लिए निश्चय करना.
  7. अध्यवसाय – स्त्री सहवास में आनंद का अनुभव कर उसके पाने के लिए निश्चय करना.
  8. क्रिया-निष्पति – प्रत्यक्ष सम्भोग करके वीर्य स्खलित करना.

आदर्श ब्रह्मचारी में इन आठ में से एक का भी होना बड़ा ही हानिकारक है, इनमें से एक भी आदत रहने से ब्रह्मचारी नष्ट हो जाता है, इनमें से एक भी मैथुन में फंस जाने से मनुष्य आठों मैथुनो में फंस जाता है. मैथुन को प्रभाव से वीर्य के कण अपने स्थान से प्रवाहित होकर अंडकोष में आ जाते है और फिर वे किसी न किसी प्रकार स्वप्न में या पेशाब के साथ बाहर निकल जाते है.

इनके अतिरिक्त हस्तमैथुन एक और मैथुन है जो अत्यंत वृणीत, अत्यंत हानिकारक और जघन्य है.

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इन नियमों को ध्यान में रखें

बिना शरीर को थकाए ब्रह्मचर्य को पचाया नहीं जा सकता, आपको ये बात हमेशा याद रखनी पड़ेगी, जब आप ब्रह्मचर्य का पालन करोगे तो आपके अन्दर उर्जा का प्रवाह बढेगा, आपके अन्दर और उस उर्जा के प्रवाह को सही जगह पर उपयोग में लेने के लिए आपको अपने शरीर से मेहनत करवानी होगी और जितनी ज्यादा आप अपनी जवानी की उर्जा को सही कामों में लगाओगे आपका जीवन उतना ही बेहतर होता चला जायेगा.

आपको वीर्यनाश की आदत लगने का सबसे बड़ा कारण ही यही है कि आपने अपने जवानी के वक़्त को गलत कामों में लगाना शुरू कर दिया, आपने अपना समय पोर्न और हस्तमैथुन में बर्बाद किया, अश्लील वेब सीरीज देखने में बर्बाद किया, आलस और कम को टालने में बर्बाद किया, इसी कारण आपको इसकी लत लगी.

तो अगर आप इस लत को छोड़ना चाहते हो तो एक बार मेरे बताये कोर्स के ज़रिये ब्रह्मचर्य पालन की शुरुआत करो..

कल मिलते है एक और नई पोस्ट के साथ……


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